गाड़ी में सवारी करते समय
मैं यात्रियों से अधिक उनके सामान पर ध्यान देती हूँ
संदूक थैले
ब्रांडेड बैग्स, रकसैक
जिप खराब वाले बैग
रस्सी या कभी कभी नाड़े से बाँध दिए गए उनके मुँह।
मुझे यात्रियों से अधिक अच्छे लगते हैं बैग
अपनी गरीबी अमीरी के बावजूद
उनकी कोई जाति नहीं होती
वे सीट के नीचे चुपचाप सरक जाते हैं
और हिचकोले खाती ट्रेन में एक दूसरे के हल्के धक्कों की ताल पर
गप्पे लगाते
बतियाते
तय कर जाते हैं सफर
सबसे पसंदीदा होती है उनकी
चेयर कार वाली बोगी
जिसमें वह सर के ऊपर चढ़ कर बैठते हैं
सट कर एक दूसरे से
जैसे
हनीमून मनाने वही जा रहे हैं
उनके मालिक हों
चाहे
घिसे पिटे पुराने
बूढ़े
या ऊसर।